
मौसम में बदलाव और तापमान में हो रही वृद्धि के चलते आसन रामसर साइट में प्रवास करने वाले विदेश मेहमान अपने मूल स्थान लौटने लगे हैं। पहले चरण में छह प्रजातियों के परिंदों ने आसन स्थित अपने अस्थायी ठिकाने को अलविदा कह दिया है।
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मौसम में बदलाव और तापमान में हो रही वृद्धि के चलते आसन रामसर साइट में प्रवास करने वाले विदेश मेहमान अपने मूल स्थान लौटने लगे हैं। पहले चरण में छह प्रजातियों के परिंदों ने आसन स्थित अपने अस्थायी ठिकाने को अलविदा कह दिया है।
रामसर साइट में हर साल सर्दी का मौसम शुरू होते ही साइबेरिया, यूरोप से लेकर रूस, अफगानिस्तान, ईरान, इराक समेत हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों से बड़ी संख्या में पक्षी पहुंचते हैं। यहां मार्च के पहले सप्ताह तक प्रवास करते हैं। हालांकि, अभी मार्च का पहला सप्ताह शुरू होने में तीन दिन शेष हैं। लेकिन, झील में प्रवास कर रहे रेड नेप्ड इबिस, वूली नेक्ड स्ट्रोक, फेरूजिनस पोचार्ड, ग्रेट क्रिस्टड ग्रेब, ओपन बिल, मालार्ड प्रजाति के पक्षी प्रवास काल पूरा करके अपने वतन वापस लौट गए हैं।
पक्षी समय से पहले ही लौटना शुरू हो गए
पक्षी विशेषज्ञ अजय शर्मा ने बताया कि प्रवासी पक्षियों का प्रवास काल मौसम पर आधारित होता है। गर्मी बढ़ने के साथ ही उनके वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस बार फरवरी के दूसरे सप्ताह से ही तापमान बढ़ने लगा था। इसके कारण पक्षी समय से पहले ही लौटना शुरू हो गए हैं।
प्रवासी पक्षियों के प्रवासकाल का समय धीरे-धीरे पूरा हो रहा है। हालांकि, आने वाले एक दो दिनों में मौसम के बदलने व तापमान में कमी की संभावना जताई गई है। ऐसे में पक्षियों की वापसी के शुरू हुए क्रम को कुछ दिन के लिए ब्रेक भी लग सकता है। – प्रदीप सक्सैना, पक्षी विशेषज्ञ व वन दरोगा रामपुर मंडी।