
नैनीताल हाईकोर्ट ने बुधलाकोट ग्रामसभा में बाहरी लोगों के नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में शामिल करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव को 28 जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या एक एडीएम स्तर का अधिकारी, जिसे अंग्रेजी बोलने का कोई ज्ञान नहीं है, एक कार्यकारी पद को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की स्थिति में हो सकता है। इससे पहले, कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा था कि बाहरी लोगों के नाम मतदाता सूची में किस आधार पर जोड़े गए हैं और उनसे मतदाता सत्यापन का रिकॉर्ड पेश करने को कहा था। यह मामला उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अगली सुनवाई में कोर्ट के निर्देशों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।