
मशहूर लेखक पद्मश्री पद्मभूषण रस्किन बॉन्ड ने अपने परिवार के साथ अपना 91वां जन्मदिन सादगी से मनाया. उन्होंने मसूरी लंढौर छावनी परिषद स्थित अपने घर पर ही अपना 91वें जन्मदिन का केक काटकर खुशियां मनाई. वहीं उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों ने उनकी लंबी उम्र की कामना की.
हर साल 19 मई को रस्किन बॉन्ड का जन्मदिन मसूरी में मनाया जाता है. लेकिन इस साल उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप अपना जन्मदिन नहीं मनाने का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि वह जून में अपने पाठकों से कैम्ब्रिज बुक स्टोर में व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए जाएंगे. रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 कसौली, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था. हालांकि, रस्किन बॉन्ड 1963 से मसूरी में ही रह रहे हैं.
बता दें कि रस्किन बॉन्ड का जन्मदिन मसूरी में एक विशेष अवसर होता है. जब प्रशंसक उन्हें बधाई देने और उनके साथ समय बिताने के लिए एकत्र होते हैं. उनकी उपस्थिति और लेखन ने मसूरी को साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बना दिया है. रस्किन बॉन्ड का जन्मदिन हर साल मसूरी में कैम्ब्रिज बुक डिपो में मनाया जाता है. जो मसूरी की माल रोड पर स्थित है. रस्किन बॉन्ड अपने जन्मदिन पर अपने पाठकों से व्यक्तिगत रूप से मिलते हैं. बच्चे, युवा और बुज़ुर्ग सभी उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं और किताबों पर हस्ताक्षर करवाते हैं.
रस्किन बॉन्ड का जन्म दिवस सिर्फ एक जन्मदिन नहीं. बल्कि भारतीय अंग्रेजी साहित्य के प्रेमियों के लिए एक उत्सव बन जाता है. कई लोग खासतौर पर इस दिन मसूरी आते हैं. उनका जीवन सरल, प्रकृति और लेखन-केंद्रित रहा है. उनकी पहली किताब ‘द रूम ऑफ द रूफ’ थी. जिसे उन्होंने 17 साल की उम्र में लिखा. यह उपन्यास उनके अनुभवों और किशोरावस्था के संघर्षों पर आधारित था. इस उपन्यास के लिए उन्हें जॉन लेवेलिन राइस पुरस्कार (1957) मिला.