चमोली जिले में माणा कैंप के पास हुए हिमस्खलन की घटना के तीसरे दिन रविवार को भी लापता श्रमिकों की ढूंढखोज के लिए प्रभावित क्षेत्र में सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सर्च ऑपरेशन जारी रखा है। बचाव अभियान में सेना के सात और एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में लगा है। लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित कुमार मिश्रा ने बताया कि बचाव अभियान के 52 घंटे पूरे हो चुके हैं। लापता श्रमिकों की तलाश के लिए टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार, हिमस्खलन के दौरान 55 मजदूरों के फंसे होने की खबर थी। अब सामने आया है कि एक मजदूर पहले ही अपने घर चला गया था। वहां 54 मजदूर ही थे। जिसमें से 50 को रेस्क्यू कर निकाला गया है। जिसमें से छह की मौत हो चुकी है। दो लापता की तलाश जारी है।
पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल के निर्देशानुसार टीम विक्टिम लोकेटिंग और थर्मल इमेज कैमरा के साथ हेलीकॉप्टर से रवाना हो गई है। यह टीम अब कैमरों से श्रमिकों की तलाश करेगी।
पांच कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण तीन कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
कंटेनरों ने तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। सेना की तीन टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना का ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार (जीपीआर रडार) मंगाया गया है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी आज सुबह फिर आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से चमोली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।