
चिड़ियाघर में तीन नन्हे मेहमानों के आने से माहौल खुशनुमा हो गया है. यह चिड़ियाघर प्रबंधन के लिए इसलिए भी बड़ी खुशखबरी है क्योंकि करीब 2 साल पहले ही यहां दो तेंदुओं (गुलदार) को लाया गया था. जिसमें अब मादा गुलदार ने 3 शावकों को जन्म दिया है.
देहरादून का चिड़ियाघर प्रबंधन तीन नए मेहमानो के आने से खुश है. ये मेहमान छोटे शावक हैं. जिन्हें चिड़ियाघर में ही मौजूद मादा गुलदार ने जन्म दिया है. खास बात यह है कि यह तीनों ही शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इन्हें चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है. इस तरह देहरादून चिड़ियाघर में इन तीन शावकों के जन्म लेने से यहां गुलदारों की संख्या 5 हो गई है.
अब चिड़ियाघर में ही रहेंगे यह तीनों शावक: चिड़ियाघर में जन्म लेने वाले तीनों शावक अब बाकी दो गुलदार की तरह ही चिड़ियाघर में रहेंगे. यानी इनके बड़े होने के बाद भी इन्हें चिड़ियाघर में ही रहना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि चिड़ियाघर में मौजूद गुलदार द्वारा जन्म देने के बाद इसका बाहर सरवाइव करना मुमकिन नहीं होगा. इसके पीछे की वजह यह है कि चिड़ियाघर में रहने के कारण इनकी मां इन्हें ना तो शिकार के गुण सीखा पाएगी और ना ही जंगल में रहने के तौर तरीके. ऐसे में इन्हें बाहर जंगल में छोड़ने की स्थिति में इनका सरवाइव करना मुश्किल हो जाएगा. इसी को देखते हुए इन तीन शावकों को अब चिड़ियाघर में ही रहना होगा.
चिड़ियाघर में है वन्यजीवों के लिए पर्याप्त जगह: वैसे तो चिड़ियाघर प्रबंधन ने चिड़ियाघर के विस्तार के साथ वन्य जीवों को रखने के लिए बाड़ों का पूरा खाका तैयार किया है और कई वन्य जीवों को लाने की भी तैयारी चल रही है. लेकिन इसके बावजूद भी जन्म लेने वाले शावकों के लिए भी चिड़ियाघर में पर्याप्त व्यवस्था है. उनके बड़े होने पर उनके लिए अलग बाड़े की व्यवस्था यहां की जा सकती है.
देहरादून चिड़ियाघर में करीब 2 साल पहले ही दो गुलदारों को लाया गया था. इसमें एक नर और एक मादा गुलदार था. जिस समय इन्हें लाया गया था, उसे समय नर गुलदार की उम्र 9 महीने थी और मादा गुलदार 1 साल की थी. इन दोनों ही गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से लाया गया था. जब इन्हें रेस्क्यू करते हुए चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर लाया गया था, तब यह केवल 8 से 10 दिन के शावक थे. यानी इन दोनों ही गुलदार को बचपन से ही बाड़े में रहने की आदत है.
देहरादून चिड़ियाघर में मौजूद नर गुलदार नरेंद्र नगर क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था. इसी तरह चिड़ियाघर में मादा गुलदार को हरिद्वार के ही जंगलों से रेस्क्यू किया गया था. अब इस मादा गुलदार के तीन शावक भी इनकी तरह ही चिड़ियाघर के बाड़े में रहेंगे.