
उत्तराखंड में सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने जानकारी दी कि अब तक 24 हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर के इस कदम को राज्य में बिजली वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने और उपभोक्ताओं को बिजली खपत की जानकारी प्रदान करने के लिए अहम माना जा रहा है।
लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद भी छिड़ चुका है। किच्छा के कांग्रेस विधायक ने स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए एक मीटर तोड़ दिया, जिसके बाद कांग्रेस के कई नेता उनके समर्थन में आ गए। इसके बाद भाजपा ने भी कांग्रेस पर जवाबी हमला किया। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस का स्मार्ट मीटर विरोधी रवैया बिजली चोरी को रोकने में बाधक बन रहा है। पार्टी ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश और अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जहां यह बिजली की खपत को नियंत्रित करने में मदद कर रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिकी के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को भ्रामक और दुष्प्रचार से प्रेरित करार दिया। उनका कहना है कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को बिजली खपत की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी और उन्हें बिजली के उपयोग के बारे में हर पल की जानकारी प्राप्त होगी। इसके अलावा, उपभोक्ता आसानी से अपने बिल का भुगतान कर सकेंगे और बिजली के उपयोग की तुलना भी कर पाएंगे।
देशभर में लगभग 20 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है और अब तक 55 लाख से अधिक स्मार्ट कनेक्शन लगाए जा चुके हैं, जिससे स्मार्ट मीटर को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है।