निवेश न करना अपराध, स्टार्टअप्स में निवेश भविष्य की दिशा”

आज के समय में निवेश बहुत जरूरी है और जो निवेश नहीं करता है वह अपराध कर रहा है। लेकिन, निवेश भी नियमों और अनुशासन से किया जाए उसी से लाभ कमाया जा सकता है। यह बातें म्यूचुअल फंड कंपनी मिराय एसेट्स के सीईओ स्परूप मोहंती ने कहीं। मोहंती अमर उजाला संवाद कार्यक्रम में निवेश और स्टार्टअप की बात विषय पर चर्चा कर रहे थे।
इस चर्चा में उनके साथ स्टार्टअप को फंडिंग करने वाली कंपनी वेंचर कैटालिस्ट के को फाउंडर डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा भी शामिल रहे। शर्मा अब तक 500 से ज्यादा स्टार्टअप को फंडिंग कर चुके हैं, जिनमें से 11 यूनिकॉर्न स्टार्टअप बन चुके हैं। उनके फंड किए हुए स्टार्टअप में चर्चित नाम ओयो, जेप्टो, भारत पे जैसे स्टार्टअप हैं।निवेश किया होता तो आज स्थिति कुछ और होती
निवेश और स्टार्टअप की बात सत्र का संचालन अमर उजाला बोनस के संपादक अंशुमान तिवारी ने किया। उन्होंने स्वरूप मोहंती से बाजार के जोखिम, म्यूचुअल फंड निवेश आदि की बारीकियों पर बात की। इसके जवाब में स्वरूप मोहंती ने कहा कि जब कोई हेल्थ या वेल्थ में से किसी एक को अपने लिए जरूरी बताता है तो व्यक्ति हेल्थ यानी स्वास्थ्य का नाम लेता है।
मगर, उसके मन में तो बात वेल्थ यानी पैसे या संपत्ति की ही चल रही होती है। इसकी समझ कई बार उम्रदराज होने पर आती है। तब पता चलता है कि उन्होंने निवेश किया होता तो आज स्थिति कुछ और होती। इस सबसे यही बात सिद्ध होती है कि उम्र के उस पड़ाव में पैसा ही सबसे बड़ा दोस्त होता है। ऐसे में निवेश करना बेहद जरूरी है। निवेश न करना अपराध है। तीन पीढ़ियाें की निवेश रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने अपने परिवार का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि उनके पिता (पहली पीढ़ी), वह खुद (दूसरी) और उनका बेटा (वर्तमान) तीनों निवेश कर रहे हैं। लेकिन, रिस्क फैक्टर तीनों के अलग-अलग हैं।
स्टार्टअप में निवेश सबसे अलग
स्परूप मोहंती ने कहा कि उनके पिता ने सुरक्षित निवेश यानी जमीन आदि में निवेश किया। लेकिन, मैंने रिस्क लिया तो आगे बढ़ गया। वर्तमान पीढ़ी की बात है तो उसका तरीका थोड़ा अलग है। ऐसे में रिस्क यानी निवेश में खतरे की न सोचकर आगे बढ़ना ही असल में निवेश में लाभ की संभावना को बढ़ा देता है। सुरक्षा के आगे ही सोच ही जीत दिलाती है। यदि इस दिशा में सोचकर निवेश किया जाए तो आने वाले 10 साल भारत की बेहतरी के होंगे। स्टार्टअप की बात पर डॉ. शर्मा ने कहा कि स्टार्टअप में निवेश सबसे अलग होता है।
यह वह निवेश है जो आगे चलकर लाखों रोजगार देता है। देश को आगे बढ़ाने में मदद करता है। यह निवेश उन्हीं स्टार्टअप में किया जाता है जो आने वाले 15-20 सालों तक बने रह सकते हैं। यानी उसकी मांग कितने समय तक रह सकती है। किन स्टार्टअप को वह फंड नहीं करते हैं के सवाल पर डॉ. शर्मा ने कहा कि वह किसी अंत्रप्यनोर को देखकर मना नहीं करते हैं, बल्कि उस स्टार्टअप के मॉडल को देखकर निवेश करते हैं। जहां तक उनकी फंडिंग में च्वाइस की बात है तो 58 हजार लोगों ने आवेदन किया लेकिन इनमें से उन्होंने 500 स्टार्टअप को ही फंडिंग की।
छोटे शहरों का बिजनेस सेंस अच्छा होता है : डॉ. शर्मा
डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा कि छोटे शहरों का बिजनेस सेंस अच्छा होता है। यह उन्होंने अब तक के अनुभव से देखा है। इनमें उन्होंने ओयो रूम के साथ अन्य स्टार्टअप का उदाहरण दिया। इन्हें शुरू करने वाले सभी छोटे शहरों से आते हैं। आगे उन्होंने निवेश की रणनीति पर बात की। कहा, वर्तमान में ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन सेक्टरों पर विश्वास बढ़ा है जो रक्षा उत्पाद बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हाल के दिनों में बाजार ने भी ऐसी ही कंपनियों पर भरोसा दिखाया जो कि रक्षा उत्पाद बना रही हैं।