
Jhanda Ji Mela 2025
Jhanda Ji Mela 2025- देहरादून में प्रसिद्ध श्री झंडे जी मेला के दौरान श्री झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई और दरबार साहिब में आस्था का भव्य सैलाब उमड़ पड़ा, लाखों श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ इस अवसर पर पहुंचकर धार्मिक उल्लास और भक्ति से भरपूर वातावरण में शामिल हुए, मेला क्षेत्र में जयकारे गूंज रहे थे और श्रद्धालु “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के नारे लगाते हुए झंडे जी की पूजा-अर्चना कर रहे थे।
श्री झंडे जी मेला, जो प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, देहरादून के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व का प्रतीक है, इस मौके पर श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से सिख धर्म के महान गुरुओं के प्रति श्रद्धा अर्पित की, झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया एक बहुत ही पवित्र और महत्वूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें भगवान के प्रतीक झंडे को दरबार साहिब में स्थापित किया जाता है, इस प्रक्रिया में गुरुद्वारे के प्रमुख संत और धार्मिक नेता भाग लेते हैं, और इसके साथ ही श्रद्धालु भी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनते हैं।
इस आयोजन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आस्था की डुबकी लगा सकें, हर साल इस मेले में लाखों लोग एकजुट होते हैं और इसे धर्म और भक्ति का एक प्रमुख उत्सव मानते हैं, इस मौके पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम और भजन कीर्तन भी आयोजित किए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।
Jhanda Ji Mela 2025- क्यों मनाया जाता है झंडे जी मेला?
देहरादून का झंडे जी मेला एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाला उत्सव है, जो सिख समुदाय के लिए खास स्थान रखता है, यह मेला श्री झंडे जी के सम्मान में मनाया जाता है, जो सिख धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा से जुड़ा है।
Jhanda Ji Mela 2025- झंडे जी मेला मनाने के कारण
Jhanda Ji Mela 2025- श्री झंडे जी मेला सिख धर्म की धार्मिक परंपरा का प्रतीक है, इस दिन झंडे जी (ध्वज) को गुरुद्वारे में आरोहण (उठाने) की प्रक्रिया की जाती है, जो एक पवित्र अनुष्ठान है, यह झंडा सिख धर्म के प्रतीक और गुरुओं के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है।
यह मेला आस्था, भक्ति और श्रद्धा का अवसर है, लाखों श्रद्धालु यहां एकत्रित होते हैं, जो अपने धार्मिक विश्वासों को प्रकट करते हैं और गुरुओं के साथ अपनी आत्मिक संबंध को महसूस करते हैं।
झंडे जी मेला एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का अवसर है, इसमें सिख धर्म के अनुयायी और अन्य लोग एक साथ आते हैं और सामूहिक पूजा, कीर्तन, भजन और अन्य धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं।
झंडे जी के आरोहण का परंपरागत उद्देश्य सिख समुदाय की धार्मिक धरोहर को मनाना और उसे आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रखना है, यह सिख इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को याद करने का एक माध्यम है, जिसमें गुरुओं ने संघर्षों और भक्ति के माध्यम से धर्म की स्थापना की थी।
यह भी पढ़ें…