
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भाजपा, कांग्रेस किसके खाते में जाएगी यह तो 14 अगस्त की तारीख बताएगी, मगर दोनों ही दलों के जिस तरह दावे सामने आ रहे हैं उससे साफ है कि मुकाबला कांटे का है। दावों के लिहाज से दोनों ही पार्टियों के पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त बहुमत है। जिला पंचायत का यह चुनाव कांग्रेस ने भी नाक का सवाल बनाया हुआ है तो भाजपा सत्ता में रहते कभी नहीं चाहेगी कि जिले की पंचायत उसके हाथ से निकल जाए। इसीलिए एक तरफ सत्तासीन भाजपा नेताओं की लॉबी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होने के लिए पू्रा दमखम दिखा रही है तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य कांग्रेस का झंडा लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी फतह करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
नैनीताल जिले में जिला पंचायत की 27 सीटें हैं। पिछले दिनों हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित दो और भाजपा समर्थित सात प्रत्याशियों ने सीटें जीती थीं। 18 सीटों पर निर्दलीय और भाजपा के बागी चुनाव जीते थे। जिला पंचायत सदस्य पद का परिणाम घोषित होने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर टिक गई थी। भाजपा ने दीपा दर्मवाल को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया तो कांग्रेस ने रामगढ़ के पूर्व प्रमुख लाखन सिंह नेगी की पत्नी और पूर्व प्रमुख पुष्पा नेगी को प्रत्याशी बनाया।
मतदान से पहले मंगलवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष राहुल छिम्वाल ने दावा किया कि कांग्रेस के पास जिला पंचायत के 17 सदस्यों का समर्थन है और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीत रही है। दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट ने दावा किया कि भाजपा निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों के सहयोग से पूर्ण बहुमत के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतेगी। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष यह बताने से बचते रहे कि उनके पास कितने सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। दोनों पार्टियों के जिलाध्यक्षों के जीत के दावों के बीच जनता की नजर 14 अगस्त पर टिकी हुई है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों को सता रहा है सेंधमारी का डर
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस दोनों ही ने अपने स्तर पर प्लानिंग की हुई है। दोनों ही पार्टियों को सेंधमारी का डर सता रहा है। सूत्र बताते हैं कि दोनों ही पार्टियों के नेता पिछले कई दिनों से नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के संपर्क में थे। क्षमता के हिसाब से दोनों दलों ने जिला पंचायत सदस्यों को अपने खेमे में करने का दावा किया है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के खेमे में अभी तक 12 जिला पंचायत सदस्य हैं। इनमें कुछ निर्दलीय और बागी भी शामिल हैं जबकि भाजपा को चुनाव जीतने के लिए अभी दो और सदस्यों का समर्थन लेना है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दिन रात एक कर दो सदस्यों को अपने खेमे में करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के पास बहुमत से अधिक जिला पंचायत सदस्य हैं। बावजूद इसके दोनों ही पार्टियां सेंधमारी के डर से अपने-अपने खेमे के सदस्यों पर नजर बनाए हुए हैं। यह भी चर्चा है कि एक पार्टी ने तो अपने खेमे के सदस्यों को मौज मस्ती के लिए जिले से ही नहीं बल्कि प्रदेश से भी बाहर भेज दिया है, जबकि दूसरी पार्टी के सदस्य शहर में ही किसी गुप्त स्थान पर हैं।