
उत्तराखंड के अनु कुमार ने राष्ट्रीय खेलों में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया। वहीं, उनके लिए यह समय बहुत कठिन था क्योंकि पूरा परिवार गरीबी से जूझ रहा था। बावजूद इसके, उन्होंने हार नहीं मानी।
अनु कुमार के मुताबिक 2022 में उनके पिता की मृत्यु के बाद, घर की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई, ऐसे में उनके लिए खेलना बहुत मुश्किल हो गया था। बेटे के गले में रजत पदक देखकर मां की आंखे खुशी से छलक आई।
अनु ने खेतों में काम करने के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरी की। कहा, मेरे लिए हर दिन एक नई चुनौती था, लेकिन मैं जानता था कि अगर मैं मेहनत करूंगा, तो एक दिन सफलता मिलेगी।
अनु की माँ, मुन्नी देवी ने बेटे की सफलता पर गर्व करते हुए कहा, मेरे बेटे ने बहुत मेहनत की है। जब मैंने उसके गले में पदक देखा, तो मेरी आंखों से आंसू छलक पड़े। भगवान ऐसा बेटा हर किसी को दे। उन्होंने बताया कि अनु ने अपने पिता की मृत्यु के बाद बहुत गरीबी देखी, लेकिन कभी हार नहीं मानी। अनु के हौसले और जज्बे ने उन्हें आज सफलता दिलाई।