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राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की बेटियों ने संकल्प से शिखर तक पहुंच कर दिखाया है। जूड़ो में उन्नति शर्मा ने जहां 35 दिन में हार का हिसाब बराबर कर राज्य को स्वर्ण पदक दिलाया। वहीं, शालिनी नेगी ने मजाक बनाने वालों को 10 किलोमीटर रेस वॉक में रजत पदक जीतकर जवाब दिया।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय खेलों में मंगलवार को जूडो में उसका मुकाबला एक बार फिर मध्य प्रदेश की उसी हिमांशी टोकस से हुआ जिससे 35 दिन पहले वह नई दिल्ली में हार गई थी, लेकिन मंगलवार को हुए जूड़ों के 63 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में उसने हार का हिसाब बराबर कर दिया। उसने बताया कि उसका अगला लक्ष्य इसी साल अप्रैल में होने वाली एशियन चैंपियनशिप के लिए चयनित होकर देश के लिए मेडल लाने का है।
लोग रेस वॉक के बारे में जानते नहीं थे, जो कई बार मजाक बनाते
वहीं, मूल रूप से चमोली जिले के सेकोट गांव की रहने वाली शालिनी ने महिला वर्ग की 10 किलोमीटर की रेस वॉक में उत्तराखंड के लिए रजत पदक जीता। शालिनी बताती है कि मात्र दो साल पहले उसने रेस वॉक की गोपेश्वर स्पोर्ट्स स्टेडियम से शुरुआत की। शुरुआत में लोग कहते थे, इससे कुछ नहीं होगा, पढ़ाई करो। लोग रेस वॉक के बारे में जानते नहीं थे, जो कई बार मजाक बनाते थे।
वे यह कहते थे कि रेस वॉक के लिए प्रशिक्षण छोड़कर घर आ जाओ। इस बीच उसके पांव में भी दिक्कत आने से उसका प्रशिक्षण छूट गया था,लेकिन कुछ ठीक होने के बाद उसने तमिलनाडु में सेना में सूबेदार मेजर बसंत से प्रशिक्षण लिया। मंगलवार को जब वॉक रेस हुई तो मन में यही था कि उसके माता-पिता इतनी दूर से उसकी रेस देखने आए हैं। उसे वॉक रेस में बेहतर प्रदर्शन करना है।
मणिपुर की वाई बाला देवी के रिकाॅर्ड तो तोड़ा
उत्तराखंड की बेटी शालिनी नेगी ने महिला वर्ग की 10 किलोमीटर की रेस वॉक में न सिर्फ उत्तराखंड के लिए रजत पदक जीता बल्कि वर्ष 2023 में बने
मणिपुर की वाई बाला देवी के बनाए 51 मिनट 56 सेकंड के रिकार्ड को भी तोड़ा।
माता-पिता बोले बेटी ने बढ़ाया गौरव
शालिनी नेगी के माता सरला देवी और पिता ताजवर सिंह नेगी ने कहा, उनकी बेटी ने राज्य के लिए रजत पदक जीतकर उनका गौरव बढ़ाया है। उसके पिता सेकोट गांव में किसान हैं। शालिनी के मुताबिक व्यायाम शिक्षक गोपाल बिष्ट ने न सिर्फ उसे रेस वॉक के बारे में बताया बल्कि शुरूआत में इसका प्रशिक्षण भी दिया।