
एमबीबीएस के लिए होने वाली NEET UG 2025 परीक्षा इस बार भी विवादों में घिरती नजर आ रही है. नीट यूजी का आयोजन 4 मई को किया गया था. इसका रिजल्ट 14 जून तक आने की संभावना है. लेकिन पिछले दिनों में दो हाईकोर्ट ने रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी. नीट यूजी परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर बिजली गुल होने सहित अन्य तकनीकी व्यवधान उत्पन्न हुए थे. जिससे परीक्षार्थियों के प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ा. इसको लेकर कई परीक्षार्थियों की ओर से मध्य प्रदेश और मद्रास हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश
4 मई को नीट यूजी परीक्षा के दौरान मध्य प्रदेश के इंदौर में कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हुई. जिससे छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई. इसके खिलाफ एक छात्रा ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की. मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नीट यूजी 2025 के रिजल्ट पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी. हालांकि, बाद में अदालत ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए सिर्फ इंदौर के 11 प्रभावित परीक्षा केंद्रों के रिजल्ट पर रोक लगाई.
मद्रास हाईकोर्ट का आदेश
चेन्नई के पास अवाडी स्थित परीक्षा केंद्र में 13 छात्रों ने याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने बताया कि 4 मई 2025 को परीक्षा के दौरान दोपहर 3 बजे से 4:15 बजे तक बिजली कटौती हुई. इस दौरान भारी बारिश और तूफान जैसी परिस्थितियों के कारण परीक्षा केंद्र में पानी घुस गया और छात्रों को अपनी निर्धारित सीटों से हटकर अन्यत्र बैठाया गया. इन व्यवधानों के बावजूद छात्रों को अतिरिक्त समय नहीं दिया गया, जिससे उनकी परीक्षा प्रभावित हुई. इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने 16 मई को अंतरिम आदेश जारी कर NEET UG 2025 के परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी और NTA को 2 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
हाईकोर्ट के रिजल्ट पर रोक का क्या होगा असर?